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5 Jul 2019 · 1 min read

बरखा रानी

बरखा रानी, बरखा रानी,
लेकर आई हो तुम पानी,
झूम रहे देखो जन – जन,
महक उठे सारे उपवन,

धरा की बुझ रही प्यास,
देखो उगने लगी हैं घास,
भाग रही हैं अब गरमी,
हरी भरी होने लगी जमीं,

नदी – नाले उफान पर,
पवन सवार तूफान पर,
हर चेहरे पर हैं मुस्कान,
घर घर हो रहे मधुर गान,

।।जे पी लववंशी, हरदा मध्यप्रदेश ।।

Language: Hindi
460 Views
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