Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Jun 2019 · 1 min read

सुलझायें अपने बीच के सब मसअले चलो

सुलझायें अपने बीच के अब मसअले चलो
थोड़ी सी दूर हाथ मेरा थाम के चलो

कुछ बात मुझसे तुम करो कुछ मैं तुम्हें कहूँ
अब खत्म चुप्पियों के करें सिलसिले चलो

अब दूर हो गई हैं गलतफहमियां सभी
मिट ही गये दिलों के सभी फासले चलो

मंज़िल को पाने के लिये रस्ते अनेक हैं
चुन राह लो सहीह जरा ध्यान से चलो

रोशन करें जहान मुहब्बत के नाम से
आओ जलायें ‘अर्चना’ दिल मे दिये चलो

26-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Loading...