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14 Jun 2019 · 2 min read

***" विनम्र बनिए ***

***विनम्र बनिये ***
जीवन में सदा विन्रम व सादगी से रहना चाहिए कपड़े ,गहने ,गाड़ी अन्य सुख सुविधाएँ उपलब्ध होते हुए भी इंसान में विन्रम रहकर जीना ज्यादा अच्छा है क्योंकि यही सुखद व्यक्तित्व का निर्माण करता है।
अपने आपको टटोले कि हम कहाँ गलत है और कहाँ सही दिशा में जा रहे हैं अपने व्यक्तित्व के अनुरूप कार्य करते हुए ऐसा व्यवहार बनाये रखें जिसे व्यक्ति भूल ही ना सके। एक व्यक्ति जब कहीं बाहर जाता है तो उसके बिना घर एकदम सुना सा लगता है और एक व्यक्ति अगर बाहर जाता है तो लगता है कि चला गया तो अच्छा है कि बला टली ….. ऐसी उपलब्धि हासिल होनी चाहिए ताकि लोग जीवन में याद रखें जीने का अच्छा प्रयास करना चाहिए जिससे विन्रम बने रहे और जीवन के प्रति सरल ,सौम्य ,सहज हो सकें …..
एक घटना के अनुसार एक किसान अपने 6 साल के पोते को लेकर कहीं जा रहा था और उसे बहुत जोर से प्यास लगी गला सूखने लगा था दादाजी से कहने लगा – दादाजी पानी पीना है प्यास लगी है अब दादाजी ने देखा दूर तक कुछ पीने का साधन उपलब्ध नहीं है तो कहने लगा अभी थोड़ी दूर चलकर देखते हैं कहीं न कहीं पानी मिल ही जायेगा ।
कुछ दूर चलने के बाद पास में राजा की हवेली दिखाई दी तो किसान ने सोचा यहाँ पर तो पीने का पानी मिल ही जायेगा इसी आशा में किसान हवेली के अंदर पहुँचकर कहने लगा सेठ जी बच्चे को प्यास लगी है थोड़ा सा पानी पिला दीजिये वह राजा हवेली में बैठा हुआ था उस किसान को देखकर बोला थोड़ी देर बैठो पानी पिलाते है लेकिन बहुत देर हो गई कोई पानी लेकर नही आया तो किसान ने फिर कहा -सेठ जी बच्चे को बहुत तेज प्यास लगी है थोड़ा पानी पिला दीजिये इस पर राजा ने गुस्से में कहने लगा ……कोई आदमी को आने दो पानी पिला देगा …… इस पर किसान ने कहा – थोड़ी देर के लिए आप ही आदमी बन जाईये न सेठ जी मेरा पोता प्यास से तड़प रहा है उसे पानी चाहिए …….! ! !
*छोटा आदमी अगर कोई काम करे तो कर्तव्य है और बड़ा आदमी अगर वही काम कर ले तो वह खूबसूरत कर्त्तव्य है “सारी दुनिया अगर हमें पसंद करे तो थोड़ा लायक जिम्मेदार बनें तो दुनिया लाईक याने पसंद करेगी हम लायक बनें तो हमारी सोच मानसिकता भी अच्छी होनी चाहिए अपने जीवन को एक नई दिशा दें …..
*जो बातें जीवन में ऊपर उठा दे हमारी प्रतिभा को परिष्कृत करते हुए योग्य बना दे वही संस्कार है जरा सोचिए गहराई में उतर कर देखिये ….! ! !
।।राधैय राधैय जय श्री कृष्णा ।।
***शशिकला व्यास ***
#* भोपाल मध्यप्रदेश #*

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