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14 Jun 2019 · 1 min read

कई सपने किये अर्पण

कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने
कई अरमान भी बेचे चुकाने क़र्ज़ को अपने
अकेले आज भी हैं हम समझ में ये नही आता
कहाँ जायें दिखाने मन दुखाते मर्ज़ को अपने

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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