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14 Jun 2019 · 1 min read

गाँव की मिट्टी तुम ले आना

गाँव की मिट्टी तुम ले आना,
अपनो को मेरी चिट्ठी दे आना,

तुम साथ हमारे बचपन के पल ले आना,
तुम पेड़ो से मीठे मीठे फल ले आना,

बड़े बूड़ो से कर नमस्कार तुम आना,
छोटे छोटे नन्हे मुन्नों को प्यार दे आना,

मंदिर की दर पर दस्तक तुम दे आना,
पाठशाला में पुस्तक तुम बांट आना,

जब सुनो हीड़ तो लिखकर ले आना,
जब दिखे भीड़ तो तुम शांत रहना,

जब पके खजूर जामुन तो कुछ ले आना,
जी हुजूर सदा तुम कहते जाना,

जब लगे चौपाल तो ध्यान से सुनना,
ऐसा ज्ञान नही मिला फिर मत कहना,

राह के पत्थरों से इतनी विनती कर आना,
मेरे यारों की तुम न गिनती कर जाना,

पास अगर तुम्हारे उड़ आये धूल,
तुम भागने की न करना भूल,

मेरे निर्मल भोले जन पर न हँसना,
बात उनकी सुन आदर से शीश झुकाना,

पीपल नीम और बरगद से कह देना,
खुशी से गदगद रहे यह संदेश सुना देना,

पनघट की जमघट को मेरा प्रणाम कह देना,
आते आते सबसे राम राम तुम कह आना,

गाँव की मिट्टी तुम ले आना……
।।।जेपीएल।।।

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