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11 Jun 2019 · 1 min read

अभी नही

122 122 122 122
अभी नही मगर मिलूंगा जरूर पर मै
कभी आऊंगा मौके दस्तूर पर मै
जरूरतो को पुरा ही करने के लिए
हूँ दूर कुछ हमेशा नही दूर पर मै
बोलने वाले झूठ आगे बढ़ रहे मै हूँ वही
मुझे माफ करना हूँ मजबूर पर मै
रहा जिदंगी का हिसा जो कभी मेरी
गजब लिख रहा हूँ उसी नूर पर मै
देखा है बिकते सब ही पैसे वालो को
गरीब हूँ मगर सब से मगरूर पर मै

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