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7 Jun 2019 · 1 min read

मुक्तक

तेरी सूरत के अभी दिवाने बहुत से हैं।
तेरी अदा के अभी अफ़साने बहुत से हैं।
तस्वीरे-अंज़ाम को मिटाऊँ किस तरह?
ज़ख़्मों के निशान अभी पुराने बहुत से हैं।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
343 Views
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