Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2019 · 1 min read

अमलतास के फूल

अमलतास के फूल
कुण्डलिया-१
~~
ग्रीष्म ऋतु की शान हैं, अमलतास के फूल।
सुन्दर आकर्षण भरे, कहीं न कोई शूल।
कहीं न कोई शूल, हरी शोभित शाखाएं।
झूल रही है खूब, हवा महकाती जाएं।
कह सुरेन्द्र यह बात, लगेगी नहीं बेतुकी।
पीत वर्ण के पुष्प , हैं शोभा ग्रीष्म ऋतु की।

कुण्डलिया-२
~~
सबके घर का वैद्य है, सबके आता काम।
देखभाल इसकी करें, अमलतास है नाम।
अमलतास है नाम, अनेकों रोग मिटाए।
करता शक्ति प्रदान, कफ पित्त रोग भगाए।
कह सुरेन्द्र यह सत्य, सुखी जीवन की डगर का।
अति उत्तम यह पेड़, सहायक सबके घर का।

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हिमाचल प्रदेश)

1 Like · 1 Comment · 520 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

गरीब कौन
गरीब कौन
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3508.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3508.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सच तों आज कहां है।
सच तों आज कहां है।
Neeraj Kumar Agarwal
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
आकाश महेशपुरी
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
क्यों तुम्हें याद करें
क्यों तुम्हें याद करें
gurudeenverma198
एकतरफा प्यार
एकतरफा प्यार
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी का सफ़र
जिंदगी का सफ़र
Shubham Anand Manmeet
दिन निकलता है तेरी ख़्वाहिश में,
दिन निकलता है तेरी ख़्वाहिश में,
umesh vishwakarma 'aahat'
काश
काश
हिमांशु Kulshrestha
*बेसहारा बचपन*
*बेसहारा बचपन*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गुरु चरणों की धूल*
गुरु चरणों की धूल*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Don't get hung up
Don't get hung up
पूर्वार्थ
उम्मीद का दिया
उम्मीद का दिया
राकेश पाठक कठारा
कल की चिंता छोड़कर....
कल की चिंता छोड़कर....
जगदीश लववंशी
क्या ये पागलपन है ?
क्या ये पागलपन है ?
लक्ष्मी सिंह
- प्रतिक्षा
- प्रतिक्षा
bharat gehlot
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
देवी महात्म्य चतुर्थ अंक * 4*
देवी महात्म्य चतुर्थ अंक * 4*
मधुसूदन गौतम
स्कंदमाता
स्कंदमाता
Dr Archana Gupta
परिवार
परिवार
डॉ० रोहित कौशिक
ਗੱਲ  ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ
ਗੱਲ ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
फागुनी धूप, बसंती झोंके
फागुनी धूप, बसंती झोंके
Shweta Soni
"साये"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
युद्ध का रास्ता
युद्ध का रास्ता
Arun Prasad
*हिंदी भाषा*
*हिंदी भाषा*
Vaishaligoel
*खुद की खोज*
*खुद की खोज*
Shashank Mishra
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
Dr. Narendra Valmiki
Loading...