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15 May 2019 · 1 min read

धूप के सफर में

थोङी दूर साथ तो चल,इस धूप के सफर में।
शाखें आयेगी निकल,दिल के सूखे शजर में।

बहुत हुई है मीठी बाते ,चाँद के साये तले ,
दिख जायेगा रंग नया , सुबह नई सहर में।

मरना है आपको तो इशक कीजिये जनाब
असर कहाँ कोई अब किसी दूसरे ज़हर में।

नज़र न लगे जब, कोई बस जाये नज़र में
डूब न जाये कोई अब फिर ग़म ए दहर में।

बंदगी किसी शख्स की इबादत से म नही
रहता है खुदा यारो ,खुदा के हर बशर में।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
312 Views
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