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10 May 2019 · 1 min read

मेरी हर बात तुमसे है !

मेरे नयनो का श्रृंगार तुमसे ही है ,
तुम हो मेरे, मेरी हर बात तुमसे से है |

मेरी हर दिन की शुरुआत तुमसे है ,
टिमटिमाते तारों से भरी हर रात तुमसे ही है|

मेरी चाय के प्याले की मिठास तुमसे ही है,
मेरे हर निवाले की फ़रियाद तुमसे ही है |

मेरे गालों की लालीपन तुमसे ही है,
आइने की तलब बस तुमसे ही है |

मेरे हर आरज़ू ए फ़रियाद तुम से ही है,
मेरे हर अरमानो की डोर तुमसे ही है |

मेरे अज़ीज़ अदीब मेरी दुनिया तुमसे ही है,
मेरी हर अच्छाई और बुराई तुमसे ही है |

युक्ति वार्ष्णेय “सरला”
मुरादाबाद |

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