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28 Apr 2019 · 1 min read

#ग़ज़ल-38

क्या मिलेगा यूँ शोर ही मचाने में
है मज़ा तो बस काम कर दिखाने में/1

कोशिशें तो नाक़ाम ख़ार होती ना
पर वक़्त तो लगता बहार आने में/2

साज़िशें करले तू मिटा सकेगा ना
देख मिट जाएगा मुझे मिटाने में/3

तेज़ तलवारों पे रखा हुआ दिल है
मोम क्या तोड़ेगी इसे ज़माने में/4

मंज़िलें हँसके आ गई चला जब मैं
हौंसला जीता हार को हराने में/5

तुम खुदी ताक़त हो निडर बनो यारो
दीप जलता ज्यों तम यहाँ मिटाने में/6

प्रीत दिल में प्रीतम मज़ा वही देती
जो मज़ा आता गीत गुनगुनाने में/7

-आर.एस.”प्रीतम”

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