Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Apr 2019 · 1 min read

मेहरबानी कुदरत की

इसे कुदरत की
कहें मेहरबानी या
कोई करिश्मा
अद्भूत है
पंछियों का संसार

क्षणभंगुर है
जगत ये
आना-जाना है
नियति
उजाले में देखो भविष्य
अंधेरे से जाओ दूर

हरीभरी धरा के
नजारे
है मनमोहक
ये जगत
दूर करो प्रदूषण
स्वच्छ पर्यावरण

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Loading...