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6 Apr 2019 · 1 min read

वो परीक्षा नहीं जिंदगी है मेरी

भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की
तैयारी कर रहे सभी मित्रों
को समर्पित…..

मैं अभ्यर्थी उसका
वो परीक्षा है मेरी
वो परीक्षा नहीं
जिंदगी है मेरी

मैं हूँ राही ,
वो है मंजिल
करना है अब
उसको हासिल
इन किताबों में
होते उसके ही दर्शन
वो मेरी चिड़िया की आँख है
मैं उसका अर्जुन
मैं नोकरशाह उसका ,
वो तपस्या है मेरी

वो परीक्षा नहीं
जिंदगी है मेरी

समाज ,राष्ट्र से सीधे जुड़ाव
ये कराये
समाजसेवा का इससे बेहतर
जरिया न भाये
इस शरीर से होते से होते
उसके ही दर्शन
खाना- पीना सब भूले
चश्मा लगाते है अब हम
मैं लोकसेवक उसका वो
मेहनत है मेरी

वो परीक्षा नहीं जिंदगी है मेरी

-जारी

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