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27 Mar 2019 · 1 min read

दोहे

मात पिता का कीजिए,
सदैव आदर मान।
जिनसे हमको है मिला,
इस जीवन का दान।।

अहंकार से तुम सदा,
बचना मेरे यार।
रावण की गति क्या हुई,
जाने सब संसार।।

गुरु बिन ज्ञान कहीं नहीं,
जानत सब संसार।
वंदन को स्वीकारिए,
नमन है बार-बार।।

मुख पर मीठे बोल हों,
मन में मधुर विचार।
सम्मुख मीठे बैन के,
हारा यह संसार।।

मान सभी को दीजिए,
सब उसकी संतान।
पालक सबका एक ही,
निर्धन या धनवान।।

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