Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
23 Mar 2019 · 1 min read

उदासी क्यों

आज फिर एक लघु प्रयास मेरी तरफ से।?
” उदासी क्यों ”

क्यों रूठ जाते हो ऐसे
जैसे मनाना बस की बात नहीं।
जब रंज हो जाते हो आप तो
हँसाना बस की बात नहीं।।

वादा किये थे आप मुझसे
छोड़ेंगे तेरा साथ नहीं।
ऐसा मुझे क्यों लगता है कि
अब आपसी कोई मुलाकात नहीं।।

सीने से मुझे लगाते थे आप
जब मैं करता था कोई काम सही।
पर तेरी इस खामोशी को
समझना बस की बात नहीं।।

माना गलती मेरी थी
ठहरे बिल्कुल आप सही।
चेहरे पर विरक्ति मेरी भी है
मुस्कुराना बस की बात नहीं।।

मैं आपसे रूठ जाँऊ
ये मेरी फितरत नहीं।
जब रूठ जाते हैं आप तो
मनाना बस की बात नहीं।।

( कुमार अनु ओझा )

Loading...