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20 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक

” मेरा जीवन सदा है वतन के लिये,
हाथ उठते धरा के नमन के लिये
सरजमीं यह मेरी भूमि है प्यार की
है मचलता तिरंगा गगन के लिये “

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