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20 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक

हम सूरज से भी आँख मिला सच्चाई बोलेंगे,
कुदरत पर भी आज सियासत छाई बोलेंगे,
तेज़ हवा से जो तिनका जा पहुँचा है अम्बर में
कह दो कैसे इस ऊँचाई को हम ऊँचाई बोलेंगे “

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