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12 Mar 2019 · 1 min read

जहां चाह, वंहा राह है ..

जहां चाह है
वंहा राह है
बस अपनी
चाह को पहचानो
फिर लगा दो
जी जान को
आगे बढ़ो
सामना करो
अपने डर को
फिर देखो
आश्चर्य से
अपने आप को
क्या किया
क्या हुआ ।।।

आनंदश्री

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