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9 Mar 2019 · 1 min read

बचपन वापस आना चाहिए

कहीं मिट्टी में खेलते हुए
कहीं तुतलाते बोलते हुए
कहीं आपस में झगड़ते हुए
कहीं तितलियों के पीछे दौड़ते हुए
जीवन की सारी परेशानियां भूल जाना चाहिए
बचपन वापस आना चाहिए

न मन में छल हो
न किसी के प्रति ईर्ष्या हो
अहंकार हमें छुए नहीं
जीवन सदाचारी हो सदा
बिन बात मुस्कुराना चाहिए
बचपन वापस आना चाहिए

ना खबर हो दुनिया की
न धर्म की ,ना जात की
सब मिल एक साथ फिर गिल्ली डंडा खेलना गली में
सब एक साथ रोना, हंसना
सब मिल मुस्कुराना चाहिए
बचपन वापस आना चाहिए

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