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8 Mar 2019 · 1 min read

आज ईश्वर अवकाश पर है....

ईश्वर आज अवकाश पर है
ना मंदिर की घंटी बजाइये…

जो बैठा है बूढ़ा
अकेला पार्क में,
उसके साथ समय बिताइये…

ईश्वर आज
अवकाश पर है
ना मंदिर की घंटी बजाइये

ईश्वर है
पीड़ित परिवार के साथ
जो अस्पताल में परेशान है,
उस पीड़ित परिवार की मदद कर आइये

ईश्वर आज
अवकाश पर है
ना मंदिर की घंटी बजाइये

जो मर गया हो
किसी के परिवार में कोई
उस परिवार को सांत्वना दे आइये

ईश्वर आज
अवकाश पर है
ना मंदिर की घंटी बजाइये

एक चौराहे पर खड़ा
युवक काम की तलाश में
उसे रोजगार के अवसर दिलाइये

ईश्वर आज
अवकाश पर है
ना मंदिर की घंटी बजाइये

ईश्वर है
चाय कि दुकान पर
उस अनाथ बच्चे के साथ
जो कप प्लेट धो रहा है
पाल सकते हैं
पढ़ा सकते हैं, तो पढ़ाइये…

ईश्वर आज
अवकाश पर है
ना मंदिर की घंटी बजाइये

एक बूढ़ी औरत है
जो दर दर भटक रही है
एक अच्छा सा लिबास दिलाइये
हो सके तो किसी नारी आश्रम छोड़ आइये

ईश्वर आज
अवकाश पर है
ना मंदिर की घंटी बजाइय

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