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2 Mar 2019 · 1 min read

सरहदें

पूरी है दुनियाँ एक
बांटा सरहदों में
इन्सान ने

अखंड भारत था
एक
इतिहास ने बना दिये
देश अनेक

अपनी सरहद की
रक्षा करते
वीर जवान
शहीद हो जाते
हँसते हँसते

सरहदों में बंट गई
इन्सानियत
एक दूसरे की
खून की प्यासी
हो गयी है
इन्सानियत

हर एक है
अपने , अपनों का
प्यारा
अमन चैन से रहे
जब सब
सरहदें हों शांत
उन्नति करे
हर देश
विकास करे
हर देश

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल

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