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1 Mar 2019 · 1 min read

*अँकुरित प्यार*

ये क्या स्थिति हे ,कोई बतला दे
बेचैन मन को , सागर से मिला दे।

भटके हुऐ ह्रदय को ,मोम जैसा जला दे ।
चीर दे अंदर तक ज़िगर, पर इस तिस को मिटा दे ।

ये क्या स्थिति हे ,कोई बतला दे
बेचैन मन को , सागर से मिला दे।

लगता है दिमाग के समंदर में पथर कोई गिरा है।
बाग़ी पानी को समेंटने की सज़ा दे ।

चंचल सी सोच को सही रहा का पता दे ।
मेरी शरारतो को महोबत की बफा दे ।

ये क्या स्थिति हे ,कोई बतला दे
बेचैन मन को , सागर से मिला दे।

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