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19 Feb 2019 · 1 min read

अंत का नही है अंत

अनंत है अंत
अंत का नहीँ है अंत
चलती रहती है
सृष्टि
बस बदल रहती है
दृष्टि

अपने , अपनों को
चले जाते हैं छोड़ कर
यादें रहती हैं
जब तलक है जिन्दगी
जीता है इन्सान

जीवन और
है अंत
ईश्वर के हाथ
रहे जब तलक
खुश रहे
साथ साथ

जीवन का अंत
यादों की
होती हैं शुरूआत
यादें अनंत
कभी न खत्म
होने वाला अंत

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल

Language: Hindi
367 Views
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