Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2019 · 1 min read

हेमा पाण्डेय

#खामोशी

खामोशियो की होती
है मीठी जुबान।
सरगोशियाँ कहती है
एक नई कहानी।
ऐसे ही जिंदगी में
होता है हर जज्बा।
फल की चिंता के
बिना किये गए कर्म।
विनम्र प्रार्थनाओं से
जीवन बनता है
अर्थवान।
भय से पाकर मुक्ति
सही तरीके से पालन
सम्भव है
जीवन धर्म का।
राम कृष्ण बुद्ध
मानव से
महामानव तभी तो बने।
धुन सूनी प्रकृति
कि उन्होंने
पुकार पहचानी
उसकी।
स्वार्थों से ऊपर उठकर
हुए सन्नद्ध
मानव कल्याण में।
सामान्य मनुष्य
जीवन का
कैसे करे मूल्यवान
रूपांतरण।।

Language: Hindi
322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
Nobility
Nobility
Sanjay Narayan
भ्रम
भ्रम
Dr.Priya Soni Khare
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
Suryakant Dwivedi
हो गया
हो गया
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*कलमें इतिहास बनाती है*
*कलमें इतिहास बनाती है*
Shashank Mishra
जब साथ छूट जाता है,
जब साथ छूट जाता है,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जंगल, जल और ज़मीन
जंगल, जल और ज़मीन
Shekhar Chandra Mitra
कहाँ गइलू पँखिया पसार ये चिरई
कहाँ गइलू पँखिया पसार ये चिरई
आकाश महेशपुरी
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
Raju Gajbhiye
- अनमोल -
- अनमोल -
bharat gehlot
क्या सोचा था डर जाऊंगा
क्या सोचा था डर जाऊंगा
पूर्वार्थ देव
हृदय तूलिका
हृदय तूलिका
Kumud Srivastava
नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे
नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे
नूरफातिमा खातून नूरी
संघर्ष की राह
संघर्ष की राह
पूर्वार्थ
खुद से जंग जीतना है ।
खुद से जंग जीतना है ।
अश्विनी (विप्र)
SleepZon: Your Ultimate Accommodation Booking Platform
SleepZon: Your Ultimate Accommodation Booking Platform
Sleep Zon
बेशक कितने ही रहें , अश्व तेज़तर्रार
बेशक कितने ही रहें , अश्व तेज़तर्रार
RAMESH SHARMA
अनंत प्रकृति का नव आगमन
अनंत प्रकृति का नव आगमन
Anant Yadav
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
हर लेता जल कुंभ का , मन गंगा सा होय ।
हर लेता जल कुंभ का , मन गंगा सा होय ।
Neelofar Khan
"धरती"
Dr. Kishan tandon kranti
राजनीति में सच का अभाव है
राजनीति में सच का अभाव है
Krishan Singh
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हमें निंदा से डरना नहीं चाहिए क्योंकि जब तक जीवन है लोग कहें
हमें निंदा से डरना नहीं चाहिए क्योंकि जब तक जीवन है लोग कहें
Ravikesh Jha
In present,
In present,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
शिव प्रताप लोधी
अनंत शून्य
अनंत शून्य
Shekhar Deshmukh
Loading...