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15 Feb 2019 · 1 min read

जवानों की याद में

हम आहत हैं
सेना लहूलुहान
हे वीरो, मेरी लेखनी
करती तुझे सलाम ।

संकट की घड़ी में
देश साथ रहे
घरनी पर तेरे
ईश्वर का हाथ रहे ;

तेरे बलिदानों की बदला
तेरे साथी लेंगे
वे एक बार नही
कई बार लड़ेंगे ।

दुष्ट-दरिंदों की क्या गिनती
वे मानवता के दुश्मन है
बर्बाद कर देते हैं
जो खिलते चमन हैं ।

साहिल ?☺️?

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