Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2019 · 2 min read

हमारे प्रधान सेवक !

हमारे प्रधान सेवक ठान कर बैठे हैं कि झूठ का सर झुकने नहीं देंगे। गज़ब-गज़ब झूठ बोलते हैं भाई बड़े से बड़ा झूठा पानी मांगे उनके आगे। अब किस -किस को पता है जरा बताओ तो कि 2014 से अब तक कितने बलात्कारियों को सजा हुई ? किसी को नहीं मालूम न,पर सूरत में PM अपने भाषण के दौरान गरज-गरज कर बोल रहे थे कि ‘बलात्कार की घटना की खबर तो सात दिन तक सुनाई जाती है और बलात्कारियों की फाँसी की खबर आकर चली जाती है। ‘ ये कैसे हुआ हम लोग अंधे बहरे हैं क्या ? जो दिल को सुकून देने वाली खबर को भी पढ़ सुन नहीं पाए ये तो गज़ब हो गया।
आज तक निर्भया को नहीं भूल पाई उस बच्ची कि वैसी मौत, फिर भी किसी को फाँसी नहीं हुई। इतना जरूर हुआ एक भांड देश का प्रधान बन गया। उसी कि बदसूरत,और बेहद पीड़ादायक मौत ने इन्हें वो ऊंचा और महान स्थान दिया जो अपनी करतूतों और गाल बजाने की आदत कि वजह से अब जाएगी भी। इतनी बेटियों कि मौत के कहीं न कहीं जिम्मेदार भी हैं।
मुझे गुस्सा उन पढ़े लिखे लोगों पे जयादा आता है जो बैठ के उनकी बातों पे तालियाँ ठोकते हैं। क्या उनके घर में बेटियां नहीं ? या वो ये सोचते हैं कि हमारी बेटियों को कौन क्या करेगा। अरे मूर्खो जब आग लगती है या बम फूटता है तो महलों को छोड़ देती है क्या ? आग और बारूद किसी की सगी नहीं होती जब जलाने को दूसरा कुछ नहीं बचेगा तब तुम्हारी बारी भी तो आएगी। जिनके खुद के बच्चे नहीं जिन्हे दूसरों के बच्चों में अपना बच्चा दीखता नहीं उस से कैसी बराबरी। उस के पीछे रहोगे तो किसी दिन तुम्हारे बच्चे भी निर्भया,अरिफाया या संजलि जैसी हालत में मिलेगी। बुरा लगा न ? लोग कैंसर अपने बदन में नहीं चाहते दूसरे को होजाय तो दुखद कह कर पिंड छुड़ा लेते हैं पर खुद को तो हो ही नहीं सकता है न ? …
***
01-02-2019
(सिद्धार्थ)

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 3 Comments · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
वर्तमान में जितना लोग सेक्स के प्रति आकर्षित है यदि उतना ही
वर्तमान में जितना लोग सेक्स के प्रति आकर्षित है यदि उतना ही
Rj Anand Prajapati
You do NOT need to take big risks to be successful.
You do NOT need to take big risks to be successful.
पूर्वार्थ
विश्व की छवि प्यारी
विश्व की छवि प्यारी"
श्रीहर्ष आचार्य
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU SHARMA
छुआ  है  जब  से मैंने उम्र की ढलान को,
छुआ है जब से मैंने उम्र की ढलान को,
Dr fauzia Naseem shad
एक शिक्षक होना कहाँ आसान है....
एक शिक्षक होना कहाँ आसान है....
sushil sharma
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
बाक़ी है..!
बाक़ी है..!
Srishty Bansal
"सहेज सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
* तुगलकी फरमान*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
त्रिविध ताप
त्रिविध ताप
मनोज कर्ण
बदला रंग पुराने पैरहन ने ...
बदला रंग पुराने पैरहन ने ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
4769.*पूर्णिका*
4769.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्योंकि हमको है तुमसे प्यार इतना
क्योंकि हमको है तुमसे प्यार इतना
gurudeenverma198
श्री राम‌
श्री राम‌
Mahesh Jain 'Jyoti'
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
Mohan Pandey
सहज - असहज
सहज - असहज
Juhi Grover
।।वजूद II
।।वजूद II
पं अंजू पांडेय अश्रु
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मिन्नते की थी उनकी
मिन्नते की थी उनकी
Chitra Bisht
संघर्ष में सत्य की तलाश*
संघर्ष में सत्य की तलाश*
Rambali Mishra
बदलती स्याही
बदलती स्याही
Seema gupta,Alwar
प्यार की पाठशाला
प्यार की पाठशाला
सुशील भारती
भोले बाबा है नमन
भोले बाबा है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
माता पिता
माता पिता
Roopali Sharma
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर की मृत्यु.
घर की मृत्यु.
Heera S
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय प्रभात*
Loading...