Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2019 · 2 min read

रीति रिवाज

सुलेखा खुले विचारों की लडकी है । वह परम्परागत रीति-रिवाजों को आँख बंद करके नहीं मानती थी हर बात में तर्क ढूढती है और उसी के अनुसार निर्णय लेती है । एम ए करने बाद वह सामाजिक न्याय विभाग में अधिकारी हो गयी है यहाँ भी सामाजिक बुराईयों से लड़ते हुऐ विकलांग उपेक्षित बच्चे बच्चियों के लिए काम करती है । उनके विकास उन्नति की योजनाऐ बना कर बच्चों को आगे बढने को उत्साहित करती । इसी तरह बेटे बेटियों में कोई अंतर नही करना बेटियों को हर जगह आगे बढने के लिए प्रेरित करना । बच्चियों को गुड और बेड टच बताना शामिल है ।

एक दिन सुलेखा आफिस जा रही थी तभी उसे पड़ौस की संगीता की लड़की संध्या कालेज बेग ले कर जाती दिखी लेकिन वह कालेज न जा कर एक बगीचे की तरफ मुड गयी सुलेखा को संदेह हुआ वह उसके पीछे पीछे चल दी । वहाँ एक लड़का पहले से मौजूद था, चेहरे से बदमाश दिख रहा था और संध्या को डरा धमका कर अश्लील हरकत करने की कोशिश कर रहा था । तभी सुलेखा वहाँ पहुँच गयी और उस लडके तीन चार तमाचा मारने के बाद खींच कर पुलिस चौकी ले गयी । अब संध्या, सुलेखा के गले लग कर रो दी । सुलेखा ने टीन एज की अच्छी बुरी बातें उसे समझाई और आगे के लिए सतर्क रहने को कहा ।

जब सुलेखा की शादी की बात चली तब उसने लडके वालो को शादी की कई रीतियों में बदलाव करने को कहा और ऐसे शादी का प्रस्ताव रखा जिससे दोनों पक्षों को सहूलियत हो जैसे : ” रात भर की शादी के बजाए दिन में शादी की जाए इसके पीछे उसका तर्क था कि जब भारत पर मुगलों का शासन था तब वह दिन में होने वाली शादीयों में विघ्न डालते थे लेकिन आज ऐसा नहीं है और रात की शादी में बिजली की बचत रात भर जागने को झंझट से भी मुक्ति मिलेगी । इसी तरह बैंड आतिशबाजी की फिजूल खर्ची को भी रोकना है। खाने पीने के मामले में बहुत ज्यादा पकवान नहीं बनवा कर कम बनवाए और खाने बरवादी रोकी जाऐ जो खाना बचे उसे गरीबों में बाँट दिया जाऐ । इसी तरह जब उससे गृहप्रवेश के समय लोटे में भरे चावल को पैर से गिराने को कहा तब उसने लोटे और चावल को पैर से गिराने की जगह बैठ कर हाथ से लुडकाया । उसने कहा : ” चावल अन्न हैं उसका सम्मान किया जाना चाहिए। ” इस तरह सब सुलेखा के विचारों से सहमत हुऐ सहमति से सम्मानजनक तरीके से शादी सम्पन्न हुई

Language: Hindi
Tag: लेख
526 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
surenderpal vaidya
“ आओ, प्रार्थना करें “
“ आओ, प्रार्थना करें “
Usha Gupta
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
SPK Sachin Lodhi
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
वक़्त मरहम का काम करता है,
वक़्त मरहम का काम करता है,
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हारी ना हमारी यह सभी की हैं कहानी।
तुम्हारी ना हमारी यह सभी की हैं कहानी।
Madhu Gupta "अपराजिता"
“सन्धि विच्छेद”
“सन्धि विच्छेद”
Neeraj kumar Soni
#शोभा धरतीमात की
#शोभा धरतीमात की
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
भय -भाग-1
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जमाली
जमाली
सिद्धार्थ गोरखपुरी
विश्राम   ...
विश्राम ...
sushil sarna
भाई बहन का प्य
भाई बहन का प्य
C S Santoshi
*प्रदूषण से कैसे बचे*
*प्रदूषण से कैसे बचे*
Ram Krishan Rastogi
यू ही बीत जाने वाले रातें नहीं है ये
यू ही बीत जाने वाले रातें नहीं है ये
"एकांत "उमेश*
हालातों में क्यूं हम
हालातों में क्यूं हम
Shinde Poonam
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
Ravi Prakash
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हार नहीं मानूंगा
हार नहीं मानूंगा
पूर्वार्थ
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
Rj Anand Prajapati
जय माँ शैलपुत्री
जय माँ शैलपुत्री
©️ दामिनी नारायण सिंह
घुटन
घुटन
Preksha mehta
मातु शारदे करो कल्याण....
मातु शारदे करो कल्याण....
डॉ.सीमा अग्रवाल
" फौजी "
Dr. Kishan tandon kranti
हमनें कर रखें थे, एहतराम सारे
हमनें कर रखें थे, एहतराम सारे
Keshav kishor Kumar
एक दुआ दिल से
एक दुआ दिल से
MEENU SHARMA
𑒢𑒯𑒱𑓀 𑒁𑒢𑒳𑒩𑒰𑒑 𑒏𑒱𑒢𑒏𑒼 𑒕𑒻𑒢𑓂𑒯𑒱 𑒋𑒞𑒨,
𑒢𑒯𑒱𑓀 𑒁𑒢𑒳𑒩𑒰𑒑 𑒏𑒱𑒢𑒏𑒼 𑒕𑒻𑒢𑓂𑒯𑒱 𑒋𑒞𑒨,
DrLakshman Jha Parimal
यह हार,जीत का गहना है।
यह हार,जीत का गहना है।
दीपक झा रुद्रा
शुभ रात्रि
शुभ रात्रि
*प्रणय प्रभात*
बेकरार
बेकरार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...