Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2019 · 1 min read

* हवा का रुख बदल दो तुम *

हवा का रुख बदल दो तुम
अगर जवानी तुममें बाकी है
रवानी होगी इक दिन तो
जवानी क्या यूंही गवानी है
कब तक वार से बचते रहोगे
सीखो अब तो वार करना तुम
नहीं गंवार तुम हो अब
क्यूं अब इतने घबराते हो
मरना रोज इक दिन है
फिर मर-मर क्यों जीते हो
हवा का रुख बदल दो तुम
अगर जवानी तुममें बाकी है
जातिगत भेद होता आया है
आर्थिक आधार-आरक्षण चाहे
किसी ब्राह्मण, ठाकुर ,बनिये की
इज्ज़त लूट देखो तुम फिर
वो कैसे घर फूंक देते हैं
लोग तमाशा देखें फिर-फिर
कहते रब देखता सब है
पर दुनियां मानती है कब
हवा का रुख बदल दो तुम
अगर जवानी तुममें बाकी है
ये नेता- नेतागिरी ग़ुलामी है
क्यों स्वत्व अपना खोते हो
अभी भी जाग जाओ तुम
अभी दिवस होना बाकी है
दिल का कोना-कोना देखो
अभी भी रोना बाकी है
हवा का रुख बदल दो तुम
अगर जवानी तुममें बाकी है ।।
मधुप बैरागी
ब्राह्मण ,ठाकुर, बनिया मनोवृति के लोगो से तात्पर्य है किसी जाति विशेष से कोई मतलब नहीं है । ये चतुर्वर्ण में कोई भी हो सकता है।

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 1 Comment · 718 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all

You may also like these posts

चौपाई छंद
चौपाई छंद
Subhash Singhai
निश्छल प्रेम की डगर
निश्छल प्रेम की डगर
Dr.Archannaa Mishraa
कविता
कविता
Rambali Mishra
सिद्धांतों और व्याख्याओं का अजायबघर श्रीमद्भगवद्गीता
सिद्धांतों और व्याख्याओं का अजायबघर श्रीमद्भगवद्गीता
Acharya Shilak Ram
मंझधार
मंझधार
Roopali Sharma
गर्मी की छुट्टी
गर्मी की छुट्टी
Ayushi Verma
ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय प्रभात*
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
gurudeenverma198
- राहत -
- राहत -
bharat gehlot
*जाते कुंभ प्रयाग में, किस्मत वाले लोग (कुंडलिया)*
*जाते कुंभ प्रयाग में, किस्मत वाले लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सत्य मंथन
सत्य मंथन
मनोज कर्ण
3352.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3352.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिनांक,,,11/07/2024,,,
दिनांक,,,11/07/2024,,,
Neelofar Khan
प्रोफेशनल वाद (भावुक, कार्यकारी, आणि व्यवसायिक )
प्रोफेशनल वाद (भावुक, कार्यकारी, आणि व्यवसायिक )
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नई उम्मीद
नई उम्मीद
Mansi Kadam
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
Since morning
Since morning
Otteri Selvakumar
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
Rj Anand Prajapati
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आंसुओं की तौहीन कर गया
आंसुओं की तौहीन कर गया
Mahesh Tiwari 'Ayan'
संसार क्या देखें
संसार क्या देखें
surenderpal vaidya
सफलता
सफलता
Raju Gajbhiye
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गरीब की दिवाली।।
गरीब की दिवाली।।
Abhishek Soni
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
"छिपकली"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...