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2 Jan 2019 · 1 min read

आँखों की तेरे इतनी गहराई चाहता है

चार मिसरे

अल्लाह जाने अब क्या हरज़ाई चाहता है
अब और कैसे मेरी रुसवाई चाहता है

दिल डूब जाए इसमें बस देखते ही तुमको
आँखों की तेरे इतनी गहराई चाहता है

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)

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