Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Dec 2018 · 1 min read

इतवार

जिंदगी ऐसी हो गई हमारी
किसी को बता भी नही सकते
एक इतवार मिलता है सप्ताह मे
उसको को भी खाली रह नही सकते
भाग दौड इतनी है जीवन मे
अफरा-तफरी हर तरफ मची है
पैसे आवश्यकता से ज्यादा कमा लिए
सकून कितना है कुछ कह नही सकते
जिन्दगी ऐसी हो गई हमारी
किसी को बता भी नही सकते
एक इतवार मिलता है सप्ताह मे
उसको को भी खाली रह नही सकते

ख्वाहिशे रखते है परिवार संग जीने की
परिवार को समय देते कितना कह नही सकते
हर किसी को हमसे शिकायते रहती है
मगर हमारे दिल का हाल
किसी को कह नही सकते
जिन्दगी ऐसी हो गई हमारी
किसी को बता भी नही सकते

Loading...