Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Dec 2018 · 1 min read

तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था

तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था
मैं प्यार समझ बैठा तुझपे जो भरोसा था
नालायक दुनियां समझती चाहे मुझको यारां
बस तूं ही तूं तो आंखों का एक झरोखा था ।।
मधुप बैरागी

Loading...