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11 Dec 2018 · 1 min read

प्यार नही होगा

अब दिले खजाने का हकदार नही होगा
हर बार किसी से भी यू प्यार नही होगा

घर से तो है निकले पर रास्ता तो वही होगा
चाहने से किसी पर अब अधिकार नही होगा

पत्थर हो गया है दिल जुल्मों से ये गुजर के
कर दे जो छली कोई हथियार नही होगा

खा प्यार मे धोखा सिखा हमने यही है बस
साहिल गमो का है मझधार नही होगा

अत्याचार की भी एक हद होनी चाहिए
बहुत हो गया बस अब स्वीकार नही होगा

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