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9 Dec 2018 · 1 min read

फैलाने मे

बात महफूज थी इशारे मे
उनको आता मजा सताने मे

जिंदगी छोटी सी बिताने मे
खोओ ना इस को गिडगिडाने मे

कर लो मां बाप की सेवा मन से
रब नही कोई नजर आने मे

जो मिला है तिरे नशीबो का
हाथ आऐ न कुछ फैलाने मे

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