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4 Dec 2018 · 1 min read

हिंदी तेजी जय हो!

इस अखिल ब्रह्मांड में हिंदी तेरी जय हो, सदा विजय हो
तेरे विशाल गर्भ से नित नये आयाम का निज उदय हो

भारत माँ के सदृश्य तेरा अनुगुंजित सर्वदा विनय हो
परम प्रबल बने स्वरूप शिर्ष शिखर स्पर्श मलय हो

सम्पूर्ण आर्यवर्त में सतत् प्रवाहित तेरी मधुर लय हो
अन्य भाषा का भी तेरे महाकोष में सहज विलय हो

बंधनों से उनमुक्त संकीर्णता का प्रतिपल पूर्ण क्षय हो
हिंदी का बढ़े मान,यश,वैभव उज्जवल इतना समय हो

विश्व शब्दकोश में सर्वाधिक प्रयुक्त शब्दों का संचय हो
श्रीमुख से उच्चारित हो जिसके उसका मुख आभामय हो

हिंदी सम्पन्न बने, विश्व व्यापक हो,विराट हो,सुखमय हो
तेरे अस्तित्व का अंत तब हो जब केवल महाप्रलय हो

अंतश में अपनी भाषा के प्रति अनुराग का हृदय सदय हो
हिंदी भारत की पहचान बने,ऐसा रुप हिंदी का अजय हो

पूर्णतः मौलिक स्वाभाविक स्वरचित कृति
डॉ.आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छग.

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