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28 Nov 2018 · 1 min read

रिश्तों के आयाम

रिश्तों की इस दौर मे,..यही एक पहचान !
हो बस केवल फायदा, ज़रा न हो नुक्सान !!

हर साजिश की पीठ पर,अपने खड़े तमाम !
कैसे होंगे सोच फिर,… .रिश्तों के आयाम !!
रमेश शर्मा

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