ना इक पल भी हमसे दूर जाया करो
ना इक पल भी हमसे दूर जाया करो
बस बुलाते ही पास आ जाया करो
तुम्हारी हँसी देख दिन बन जाता है
ऐसे ही खिलखिलाकर मुस्कुराया करो
तुम्हारी इक झलक को तरस जाए मन
इतना भी ना दूर तुम जाया करो
रूठ जाए जब हम किसी बात पर
बेपनाह प्यार देकर तुम मनाया करो
सोचते ही तुमको भर आए दिल
इस कदर ना हमको रूलाया करो
सरस्वती बसती है सुरो में आपके
प्रेम-राग हमे भी गा के सुनाया करो
सुकूँ मिलता है आपके होने से हमे
गोद मे लेटाकर यूँ ही तुम सुलाया करो
सुना है ख्वाबो की दूनिया में घर है आपका
तुम हमे भी वहाँ साथ ले जाया करो
खो ना जाउँ कहीं तुम्हें पाने के दौर मे
इसलिए हमें ‘पूनम’ कहकर ही बुलाया करो
– पूनम पाँचाल –