"माँं",क्या लिखूं?
माँ,क्या लिखूं?
लिखने को शब्द नहीं,
विस्तृत सागर,ये बूंद रही।
विराट रूप हो तुम माता,
भाव इसके कहाँ कही।।
माँ, क्या लिखूं?
करुणा की मूरत बनाये,
ममता की फिर सरयू समाये।
ज्ञान गगन,तुम गुरु प्रथमा,
माता समान न दूजा रचाये।।
माँ, क्या लिखूं?
जननी कितना कष्ट सहती,
हर हाल में दुआ रखती ।
कंटक,प्रस्तर तुम हटाती,
सहकर भी स्नेह बरसाती ।।
माँ, क्या लिखूं?
नमन चरण है मातृ शक्ति,
नित्य वन्दन है मातृ भक्ति।
जीवन क्षीर ऋणी है,माँ,
नमन है माता, ममतामयी माँ।।
मातृ दिवस पर समर्पित
(रचनाकार-डॉ.शिव लहरी)