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31 Oct 2018 · 1 min read

अखण्ड सुहागिन

अखण्ड सुहागिनें तके राह
चाँद तुम जल्दी आना
बस तेरे नाम की भरे आह
चाँद उतर दिल समाना
चाँद तुम जल्दी आना

बैठी हूँ कर सौंलह श्रृंगार
ढलती शाम उगले अंगार
आसमां चाँदनी धधके
प्रेम का निमन्त्रण ले आना
चाँद तुम जल्दी आना

हाथ मेंहदी शोभा तुझसे
मुख कांति आभा तुझसे
तन का प्राण स्पन्दन तुझसे
चाह हो पूर तोहफा ले आना देखूँ
बाट चाँद जल्दी आना

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