Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2018 · 1 min read

कलियुग की द्रौपदी

आओ मुरारी अब,
द्रौपदी बचाओ तुम्हीं;
पक्ष या विपक्ष हो,
सबों में दु:शासन हैं

घर हो, गली हो या
फिर शासन- प्रशासन हो
पांडव दुबके हुए हैं;
दुर्योधन का शासन है,
आओ मुरारी—-

धर्म का धरा है डोला,
भीम का गदा ना बोला,
पार्थ का गाण्डीव भी,
करे अब वज्रासन है.
आओ मुरारी—-

कुरु की आँखों में हवस,
भीष्म की चले हैं न वस;
द्रोण के गुरुकुल में भी;
हवसियों का शासन है.
आओ मुरारी—-

दिल्ली दहल रही है,
पटना भी परेशां ,
गाँधी के गुजरात का भी;
बिगड़ा अनुशासन है.
आओ मुरारी—-

द्वापर में द्रौपदी को;
आपका सहारा मिला,
कलयुग में द्रौपदी (निर्भया) के;
चारों ओर रावण है .
आओ मुरारी—-

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 474 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सहती हुई नारी तो
सहती हुई नारी तो
Dr fauzia Naseem shad
दिवाली ऐसी मनायें
दिवाली ऐसी मनायें
gurudeenverma198
प्यार मोहब्बत चाहत
प्यार मोहब्बत चाहत
Neeraj Kumar Agarwal
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
वो समुन्दर..
वो समुन्दर..
Vivek Pandey
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
Abhishek Soni
LOST AND FOUND
LOST AND FOUND
Chitra Bisht
कभी-कभी हम धाराओं के चलते हैं विपरीत..कभी
कभी-कभी हम धाराओं के चलते हैं विपरीत..कभी
Shweta Soni
माटी में है मां की ममता
माटी में है मां की ममता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
धनिकों के आगे फेल
धनिकों के आगे फेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आज फिर कोई अपना हताश हो गया
आज फिर कोई अपना हताश हो गया
Jitendra kumar
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
बीत गए कई साल स्कूल में ,आज आई है जाने की पारी,बिछड़ जाएंगे
बीत गए कई साल स्कूल में ,आज आई है जाने की पारी,बिछड़ जाएंगे
पूर्वार्थ देव
फगुआ गीत
फगुआ गीत
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बथुवे जैसी लड़कियाँ /  ऋतु राज (पूरी कविता...)
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
Rituraj shivem verma
वक्त के धारों के साथ बहना
वक्त के धारों के साथ बहना
पूर्वार्थ
अपनी राह
अपनी राह
Ankit Kumar Panchal
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
गीता केवल ग्रंथ नही
गीता केवल ग्रंथ नही
dr rajmati Surana
#आज_का_आलेख
#आज_का_आलेख
*प्रणय प्रभात*
प्रेम के बहुत चेहरे है
प्रेम के बहुत चेहरे है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
माया
माया
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इक ज़िंदगी मैंने गुजारी है
इक ज़िंदगी मैंने गुजारी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दीपावली (बाल कविता)
दीपावली (बाल कविता)
Ravi Prakash
"विचारों की उड़ान" (Flight of Thoughts):
Dhananjay Kumar
चुप्पी मैंने साध ली है
चुप्पी मैंने साध ली है
Bhupendra Rawat
"मुरिया दरबार"
Dr. Kishan tandon kranti
बढ़ना है आगे तो
बढ़ना है आगे तो
Indu Nandal
- चश्मे के पीछे छुपी तेरी आंखों ने चश्मे के पीछे छुपी मेरी आंखों से कुछ कहा -
- चश्मे के पीछे छुपी तेरी आंखों ने चश्मे के पीछे छुपी मेरी आंखों से कुछ कहा -
bharat gehlot
Loading...