Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2018 · 1 min read

इमोजी

इमोजी
पहले जहाँ थे शब्दों में भाव को सहेजते ।
आजकल तो लोग बस इमोजी ही भेजते।
तकनीक की भाषा या लिपि कीलाकार ।
कुछ कूट है, कुछ गूढ़ है,जटिल उदगार ।
मैं अबोध,इनका न बोध,इन्हें देख परेशान।
ठेंगा है या ठुल्लू ,कोई कराये इसका भान।
यद्यपि सम्प्रेषण का सूक्ष्म रूप इमोजी है।
पर क्या भावों का भी प्रतिरूप इमोजी है।
शब्दों के संपूरक रूप में इसका प्रयोग हो।
स्थानापन्न बनाकर, शब्दों का न लोप हो।
-©नवल किशोर सिंह

Language: Hindi
5 Likes · 546 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
Ravi Prakash
-: ना ही चहिए हमें,प्रेम के पालने :-
-: ना ही चहिए हमें,प्रेम के पालने :-
Parvat Singh Rajput
बिड़द थांरो बीसहथी, खरो सुणीजै ख्यात।
बिड़द थांरो बीसहथी, खरो सुणीजै ख्यात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
☺️
☺️
*प्रणय प्रभात*
किलकारी गूंजे जब बच्चे हॅंसते है।
किलकारी गूंजे जब बच्चे हॅंसते है।
सत्य कुमार प्रेमी
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
ॐ নমঃ শিবায়
ॐ নমঃ শিবায়
Arghyadeep Chakraborty
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
अश्विनी (विप्र)
निराश न हो, मुस्कुराओ
निराश न हो, मुस्कुराओ
Chitra Bisht
सिया स्वयंवर
सिया स्वयंवर
Jalaj Dwivedi
गलती सदा न दाल
गलती सदा न दाल
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
बूंद और समुंद
बूंद और समुंद
Dr MusafiR BaithA
" वफ़ा की उम्मीद "
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
उस अरूप को मैं क्या जानूँ
उस अरूप को मैं क्या जानूँ
Shweta Soni
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
शेखर सिंह
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
पूर्वार्थ
बेचैनी सी रहती है सुकून की तलाश में
बेचैनी सी रहती है सुकून की तलाश में
मानसिंह सुथार
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
ओसमणी साहू 'ओश'
हौसले हमारे ....!!!
हौसले हमारे ....!!!
Kanchan Khanna
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
4107.💐 *पूर्णिका* 💐
4107.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमें तब याद करते है।
हमें तब याद करते है।
Rj Anand Prajapati
हमारी गृहणियां वैज्ञानिक सी
हमारी गृहणियां वैज्ञानिक सी
पं अंजू पांडेय अश्रु
बच्चे देश की शान हैं
बच्चे देश की शान हैं
Nitesh Shah
रुसवा है सच्चाई .....
रुसवा है सच्चाई .....
sushil sarna
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...