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18 Oct 2018 · 1 min read

कशिश तेरी आँखों की...

कशिश तेरी आँखों की, इश्क़ में
नुमाइंदगी कहता है…

जुबान खामोश है मगर मोहब्बत
में बंदगी कहता है…

तूं न दर्द, न हमदर्द, न हमसफर
हो मेरी राहों का, मगर…

उलझ कर तुझसे मेरी नजरें तुझको
जिंदगी कहता है…

-के के राजीव

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