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16 Oct 2018 · 1 min read

मेरी बिटिया

मेरी बिटिया चुहिया रानी।
काम करे सदा मनमानी।
पूरे घर में करती है राज।
बिन डाँटे करती नहीं काज।
खाना चुग-चुग कर खाती।
कभी नहीं पर है अघाती।
पढ़ने में करती टालमटोल।
टपक टपक कर बोले बोल।
मम्मी की तो पूरी चापलूस।
टॉफी है हर काम का घूस।
भोली है,जग से अनजानी।
मेरी बिटिया चुहिया रानी।

-©नवल किशोर सिंह

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