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22 Sep 2018 · 1 min read

आयुष मेरे

आयुष मेरेे दिल के टुकड़े
आयुष्मान भव।
बन सुयोग्य,सदा आरोग्य,
देदिव्यमान भव।
पूरण हो सकल साध
जीवन गति नित निर्बाध
प्रगति पथ सदा प्रशस्त हो
बाधा-विध्न स्वतः ध्वस्त हो
मंगल मोद,हृदय विनोद
पुलक पथ विराजमान भव।
-नवल किशोर सिंह

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