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20 Sep 2018 · 1 min read

तन्हाई

ज़िन्दगी की शाम आहिस्ता-2 ढ़लने को है,
तन्हाई की रात चाँदनी दिल ज़लाने को है,
बदलते रहेगें करवटे रात ढ़सने को है,
फ़िर वहीं सुबह ज़िन्दगी जीने को हैं।।

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