Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2023 · 1 min read

Poem

परित्यक्त कब अभिव्यक्त
अशक्त कब अलमस्त
व्यक्त कब विश्वस्त
अधूरा हूं कहां समस्त
रोशनी को कर निरस्त
अंधेरे का अभ्यस्त
उगेगा फिर ये जान लो
हुआ सूरज जो आज अस्त
पहिया है घूमता है
कभी घुटन कभी मस्त
जीवन की बाज़ी लगी हुई
चकनाचूर कभी खुदपरस्त।
शतरंज का खेल जिंदगी
कभी जीत कभी शिकस्त।
– मोहित

Language: Hindi
131 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल "हृद
Radhakishan R. Mundhra
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
DrLakshman Jha Parimal
भाग दौड़ की जिंदगी में अवकाश नहीं है ,
भाग दौड़ की जिंदगी में अवकाश नहीं है ,
Seema gupta,Alwar
पुनर्जन्म का सत्याधार
पुनर्जन्म का सत्याधार
Shyam Sundar Subramanian
*लटके-झटके इनके सौ-सौ, दामादों की मत पूछो (हास्य गीत)*
*लटके-झटके इनके सौ-सौ, दामादों की मत पूछो (हास्य गीत)*
Ravi Prakash
// कामयाबी के चार सूत्र //
// कामयाबी के चार सूत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"शिक्षक तो बोलेगा”
पंकज कुमार कर्ण
फिर से जीने की एक उम्मीद जगी है
फिर से जीने की एक उम्मीद जगी है "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
एक नासूर ये गरीबी है
एक नासूर ये गरीबी है
Dr fauzia Naseem shad
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
जय लगन कुमार हैप्पी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-425💐
💐प्रेम कौतुक-425💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गीत
गीत
Shiva Awasthi
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरे पिता मेरा भगवान
मेरे पिता मेरा भगवान
Nanki Patre
"कुछ लोग हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
अपना भी एक घर होता,
अपना भी एक घर होता,
Shweta Soni
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
नाथ सोनांचली
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
खल साहित्यिकों का छलवृत्तांत / MUSAFIR BAITHA
खल साहित्यिकों का छलवृत्तांत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"पकौड़ियों की फ़रमाइश" ---(हास्य रचना)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
-- जिंदगी तो कट जायेगी --
-- जिंदगी तो कट जायेगी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
उसकी दोस्ती में
उसकी दोस्ती में
Satish Srijan
■ ज़रूरत...
■ ज़रूरत...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...