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काव्य व कवि का ऐसा सम्बन्ध है जैसे माँ और सन्तान का – दोनो एक दूसरे से जन्म होते ही आजन्म जुड जाते है – आपकी लेखन शैली नारी उल्ल्हास की परिचायक है
काव्य व कवि का ऐसा सम्बन्ध है जैसे माँ और सन्तान का – दोनो एक दूसरे से जन्म होते ही आजन्म जुड जाते है – आपकी लेखन शैली नारी उल्ल्हास की परिचायक है