Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (1)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
26 Sep 2019 12:56 PM

Nice line- न थी हमें इजाज़त पढ़ -लिखने की,
ना वस्त्र पहनें ओर न ,
सर उठा के जीने की ,
हमें हक़ दिलाये सारे ,
अपनी सारी खुशियाँ मिटाके ।
नमन इस महामानव कर जोड़ करते…

Loading...