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14 Sep 2019 07:58 PM

Bahut sahi baat kahi सारी लड़ाई उम्मीदों की है जिस नए रिश्ते को भावना ,प्यार , विश्वाश और सम्मान से जीता जाना चाहिए उस पर आते ही उम्मीदों का बोझ लाद दिया जाता है और शुरू हो जाता है तानों का दौर । और सास बहू का प्यारा सा रिश्ता कब उन तानों की भेंट चढ़ जाता है पता ही नहीं चलता । इसीलिए तो हम कहते हैं …
सास छोड़े ना अपना राज बहू को जीने दे ना अपना आज ।

20 Nov 2019 12:06 PM

सादर आभार आदरणीय जी ।

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