Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

नारी मन को समझना और समझ के उसके अनुरूप व्यवहार करना , अत्यंत गहरा विषय है, अपितु , कठिन नही , बस उसको सम्मान की नजरों से पढियेगा तो वो स्वयं से विरूपित हो प्रगट हो जाती है , ऐसे ही भाव आपकी रचना के प्रत्येक शब्द में झलकते हुए में देख रहा हूँ । आदरणीय डॉ अर्चना जी

25 Nov 2021 11:33 PM

हार्दिक आभार आपका। ???

Loading...