Comments (3)
14 Sep 2016 01:48 PM
अच्छा, बहुत अच्छा। विरह का सुंदर वर्णन।
nutan agarwal
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20 Sep 2016 08:17 AM
Ji bhut bhut aabhar
बरस रहे बदरा से बरस गये बदरा तक, सुन्दर वर्णन बढिया